kailali

Friday 7 September 2012

जो हासिल है उसमें ही जिया कीजिये
शराब-ए-जिन्दगी को पिया कीजिये !!"

कहाँ ऐसा हो पता है जिंदगी में ..
लोगों की नज़र हमेशा
दूसरे के गिलास पर ही लगी रहती हैं !
ज़िंदगी हमें क्या-क्या रंग दिखाती है..
लेकिन रंगीनी हमें दूसरे की
तस्वीर में ही नज़र आती है..!!
अपनी बदरंग तस्वीर हम छुपाते हैं
और दूसरों की तस्वीर से खरोंच के
रंग हम निकालते हैं...!!
अपने अगल-बगल देखिएगा तो बहुतेरे
लोग मिल जायेंगे इस तरह के..!!



Neeraj sapkota sahajpur 7 bayala kailali nepal

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